चेन्नई (जेडीए अप्रूव्ड ब्यूरो)। घर, ऑफिस के निर्माण में नित नए और क्रिएटिव प्रयोग किये जा रहे हैं। इसी श्रृंखला में IIT Madras में स्टार्टअप Tvasta ने देश के पहले 3D घर के सपने को साकार कर दिखाया है। 600 वर्गफुट के बिल्डअप एरिया में बने इस घर मे एक बेडरूम, किचन, हॉल और लेटबाथ बने हैं। इस घर को बनाने के लिए कॉन्क्रेट 3D प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग किया गया है।
इसे बनाने वाली कंपनी का दावा है कि महज 5 दिन में इस तकनीक से घर बनकर तैयार हो जाता है, जो समय और धन की बचत करता है। एडवांस टेक्नोलॉजी के इसके निर्माण की वजह से इसमें 30% लागत कम आती है और घर की लाइफ सामान्य से 50 साल ज्यादा हो जाती है। इस तकनीक के जरिये थ्री डाइमेंशनल रियल लाइफ स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है। इसमें घर के निर्माण में काम आने वाली कॉन्क्रेट की लेयर बाई लेयर  स्ट्रक्चर तैयार किया जाता है।


इस नई  तकनीक से बने घर को लेकर देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि ‘भारत को ऐसी ही तकनीक पर जाने की जरूरत है जो समय बचाये। पारंपरिक घरों के निर्माण के तौर तरीके में बदलाव हो, समय बचे, मटेरियल, लॉजिस्टिक, मटेरियल ट्रांसपोर्टेशन जैसे खर्चे बचें। हम 2022 तक देश मे 100 मिलियन नए घर बनाने के लिए कटिबद्ध हैं, जिसमें ऐसी तकनीक बड़ी मददगार साबित होगी।’


इस संबंध में IIT मद्रास के निदेशक भास्कर राममूर्ति कहते हैं, ‘इस 3D तकनीक से घर बनाने की मशीन किराए पर भी उपलब्ध होनी चाहिए, जैसे किसान को बोरवेल के लिए मशीन मिल जाती है। इससे गुणवत्तापूर्ण निर्माण के साथ ग्राहकों को सही कीमत पर घर मिलेंगे।’ इधर Tvasta के को-फाउंडर और सीईओ आदित्य कहते हैं, ‘यह तकनीक अफोर्डेबल हाउसिंग में, गुणवत्तापूर्ण निर्माण की सुनिश्चतता करती है। हमारे देश को इस समय इसको बहुतायत में आवश्यकता है।’

– धीरज शर्मा